10/01/2016

सूअर की मौत

कीचड़ में सने, मल में लिपटे
उसके छोटे और गदराये शरीर को आरी की तरह रौंदती गाड़िया
एक के बाद एक, दनादन
मानो रोड पर किसी ने सत्तर किलो का नॉन-वेज केक रख दिया हो

जितनी गाड़ियों की भीड़, उतनी ही ज़्यादा नौटंकी
साइड से गाडी निकालने  की जगह नहीं तो लोगों ने उस सूअर को केक समझ कर काटना शुरू किया
शायद किसी ने गाना भी गाया होगा, 'हैप्पी डेथ डे टू यू, हैप्पी डेथ डे टू यू, हैप्पी डेथ डे टू यू डिअर सूअर'

मेरी भी गाडी अचानक से टकराई उस लाश से
मुझे कुछ कड़कने की आवाज़ आयी
शायद 'हड्डियां' होंगी
थोड़ा आगे जागे गाडी रोक कर देखा तो उस सूअर का रक्त-रंजीत शरीर रोड पर पड़ा सड़ रहा था
न आने वालों को उसकी फ़िक्र, न जाने वालों को

शायद सूअर की मौत मरना इसी को कहते हैं
या हमारे समाज की संवेदनहीनता को?







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